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आप जीवन में सफल क्यों नहीं हो पा रहे हैं?


How to become successful
Astro Guruji Gaurav Singh

प्रत्येक व्यक्ति जीवन में अपार धन कमाना चाहता है, मान सम्मान कमाना चाहता है, सुख शांति पाना चाहता है तथा सबसे पहले वो निरोगी काया चाहता है, कुछ लोगो को सब कुछ चाहिए होता है तो वहीँ कुछ लोग केवल धन अथवा मान सम्मान अथवा सुख शांति पाना चाहते हैं, सबका दृष्टिकोण अलग अलग होता है परन्तु पूरी कोशिश करके भी, लाख प्रयास के बाद भी वह सफल नहीं हो पाता है तो यह जानना जरूरी है कि उनकी असफलता का कारण क्या है?

असफलता के दो प्रमुख कारण होते हैं, पहला आपका अधूरा कर्म तथा दूसरा आपके भाग्य का साथ ना देना। परन्तु इनके अलावा भी वास्तु, ज्योतिष तथा मानसिकता के अनुसार कुछ और भी कारण हो सकते हैं, ये जो कारण मैं अब बताने जा रहा हूँ ये कोई नए नहीं हैं आप में से बहुत से लोगों ने इन्हें पहले भी अपने माता पिता, नाना नानी, दादा दादी अथवा अन्य बुजुर्गो से कहते सुना होगा, पर मनुष्य का ये मूल स्वभाव है की वो अच्छी सलाह जल्दी भूल जाता है क्यूंकि वो करने में थोड़ी कठिन अवश्य हो सकती हैं परन्तु वो आपका बुरा कभी नहीं करेंगी। तो चलिए जानते हैं कि वे कौन से कारण हैं –

पहला कारण है घर में खंडित अथवा टूटी-फूटी चीजों का होना। यदि जाने-अनजाने में आपके निवास स्थान में टूटी-फूटी वस्तुएं रखी हो तो इन्हें तुरंत अपने घर से निकाल दें, क्यूंकि ये नकारात्मक ऊर्जा का भण्डार होती हैं, ये नकारात्मक ऊर्जा राहु-केतु को आपके घर में स्थापित करती है। भले ही हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा ना भी हो परन्तु हमें नकारात्मक ऊर्जा तो बिलकुल भी नहीं चाहिए।

दूसरा कारण है घर में नकारात्मक चित्रकारी अथवा चित्रों का होना जैसे ताजमहल, डूबती हुई नाव, आदि। इस प्रकार के नकारात्मक चित्र आप सुबह शाम देखेंगे तो आपके मन्न में भी धीरे-धीरे नकारात्मकता वास करने लगेगी तथा आप धीरे-धीरे पूरी तरह से नकारात्मक मानसिकता वाले बन जायेंगे, इसलिए ऐसे चित्रों को घर में ना लगाएं।

तीसरा कारण है घर में कांटेदार पेड़-पौधों का होना। कांटेदार पेड़-पौधे नकारात्मकता को आकर्षित करते हैं, यह एक महत्वपूर्ण वास्तुदोष है, इसलिए इनसे भी परहेज़ कीजिये।


चौथा कारण है घर के किसी सदस्य का तंबाकू खाना, शराब पीना अथवा बीड़ी-सिगरेट पीना। जहाँ एक ओर इन सबके सेवन से स्वास्थय तो गिरेगा ही गिरेगा साथ ही साथ आपके ग्रह भी शक्तिहीन हो जायेंगे तथा ये आदतें परिवार के अन्य सदस्यों को भी रोगी बना सकती हैं जिससे की उपचार कराने के लिए अनावश्यक धन की हानि होगी।

पांचवा कारण है किसी भी प्रकार से देवी-देवता का अपमान करना। जिस घर में जाने-अनजाने में देवी-देवताओं का किसी भी तरह से अनादर होता है उस घर में सुख शांति तथा धन का वास कभी नहीं हो सकता इसलिए गलती से भी देवी-देवताओं का अपमान करने से बचें।

छठा कारण है घर के सदस्यों का झूठ बोलना तथा धोखा देना, इससे आपके सारे शुभ ग्रह अपने आप ही अशुभ फल देने लगेंगे जिससे की आपके जीवन में संघर्ष और बढ़ जायेगा। कई बार ये देखने में आया है की एक ही परिवार के सदस्य अपने छोटे-छोटे हितो के लिए अपने ही परिवारजनों से झूठ बोलते हैं तथा उन्हें धोखा देते हैं, ये बहुत ही गन्दी आदत है इसे जितनी जल्दी हो सके छोड़ दीजिये। सत्य कभी छुप नहीं सकता, वो देर सवेर सामने आ ही जाता है, फिर सोचिये जिससे आपने झूठ बोला था उसकी नज़रो में आपकी क्या इज़्ज़त रह जाएगी, क्या वो आप पर दोबारा कभी विश्वास कर पायेगा? इससे रिश्तो में जो दरार आ जाती है वो कभी नहीं भर पाती, इसलिए झूठ बोलना तथा धोखा देना छोड़ दें अन्यथा प्रभु भी आपका साथ छोड़ देंगे।

सातवां कारण है घर में अतिथि आने पर मन्न ही मन्न क्रोधित होना की ये क्यों आ गए, अब मेरा बहुत सारा समय बर्बाद हो जायेगा, आदि। मैं आपको बता दूँ अतिथि भगवान् स्वरुप होते हैं, वो लोग भाग्यशाली होते हैं जिनके घर पर अतिथि आते हैं, इसलिए अतिथियों के आने पर मन्न में कोई गलत भाव ना लाते हुए उनकी अच्छे से आवभगत करनी चाहिए, इससे आपका मंगल भी मजबूत होगा।

आठवां कारण है अपने शरीर को गन्दा रखना, गन्दा रखने से मेरा तात्पर्य है की साफ सफाई तथा स्वच्छता ना रखना, ऐसा करने से शुक्र आपसे रुष्ट होकर अशुभ फल देना शुरू कर देंगे। कुछ लोगो की आदत होती है की वो प्रतिदिन नहाना पसंद नहीं करते, कारण कुछ भी हो सकता है परन्तु ऐसा करना गलत है, कोई भी मौसम हो आप ये नियम बना लीजिये की आपको प्रतिदिन नहाना ही नहाना है।

नवां कारण है देर से सोकर उठना, ऐसा करने से आपके सूर्य ख़राब हो जायेंगे, तथा यदि सूर्य खराब हो गए तो समझिये आपके सारे ग्रह ख़राब हो गए। यदि आप सूर्योदय के काफी देर बाद तक सोते रहते हैं अथवा उठने के बाद भी अपना बिस्तर नहीं छोड़ते हैं तो यकीन मानिये आप कहीं ना कहीं अपने दुर्भाग्य को स्वयं आमंत्रित करते हैं, इसलिए प्रतिदिन सूर्योदय से पहले अथवा सूर्योदय के आधे घंटे के अंदर अंदर उठने का नियम बना लीजिये फिर देखिएगा आपके जीवन में कैसे सकारात्मकता आती है।

दसवां कारण है कार्य को टालने की आदत, ऐसा करने से शनिदेव आपसे रुष्ट हो जायेंगे। मैंने बहुत से लोगो को देखा है वो अपनी आलस्य की आदतवश हर कार्य को तब तक टालते रहते हैं जब तक की कोई कार्य महत्वपूर्ण से अत्यावश्यक ना बन जाये, की अब नहीं किया तो गए। आपको ये आलस्य की आदत छोड़नी होगी तभी आप जीवन में सफल बन पाएंगे तथा धन-दौलत, मान-सम्मान की कोई कमी नहीं रहेगी तथा साथ ही साथ आप निरोगी काया भी पा लेंगे।

प्रिय पाठको, मेरे पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यदि आपको मेरे लेख पसंद आ रहे हैं तो कृपया Like (♡) करके तथा ज्यादा से ज्यादा Share करके मेरा उत्साह वर्धन कीजियेगा जिससे कि मैं भविष्य में आपके साथ और अधिक ज्योतिष सम्बंधित जानकारी साझा कर सकूँ।

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