आपकी रसोई में छुपे हैं सारे ग्रह !!
- Jyotishacharya Gaurav Singh
- Sep 4, 2020
- 4 min read
आज मैं आपको,आपकी ही रसोई में उपस्थित कुछ मसालों के बारे में बताऊंगा जो कि सभी 9 ग्रहो का प्रतिनिधित्व करते हैं।आप इनका नियंत्रित सेवन करके अपने सभी ग्रहों को भी नियंत्रित कर सकते हैं | हमारे ब्रह्माण्ड का सबसे प्रमुख ग्रह है सूर्य तो इनसे सम्बंधित मसाला भी सबसे प्रमुख होना चाहिए, जी हाँ सही पहचाना आपने, नमक सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है |
एक बार एक व्यक्ति ने एक पहुंचे हुए ऋषि से पूछा की बताइये इस दुनिया में सबसे मीठी वस्तु कौनसी है, तब काफी देर सोचने के बाद ऋषि बोले नमक !! उस व्यक्ति ने सोचा था की ये शायद चीनी, शक्कर, गुड़ अथवा शहद इनमे से कुछ बोलेंगे परन्तु उन्होंने बोला नमक, इस बात से वो व्यक्ति हैरान परेशान था | तब ऋषि ने समझाया की नमक ऐसी एक वस्तु है जो की यदि आपके भोजन में कम रह जाए तो जो भी भोजन आपको सबसे प्रिय है वो भी आपको बेस्वाद लगेगा तथा आपका खाने का मन्न भी नहीं करेगा परन्तु यदि किसी व्यंजन में मीठा थोड़ा कम रह जाये तो आपको उसकी कमी तो अनुभव होगी परन्तु इतनी नहीं की वो व्यंजन ही व्यर्थ लगे | इसलिए सबसे प्रमुख ग्रह सूर्य का मसाला हुआ सबसे प्रमुख मसाला पिसा हुआ नमक | अब प्रश्न ये उठता है की नमक की मात्रा को अपने भोजन में नियंत्रित कैसे करें ? इसको जानने का सीधा सा तरीका है अपनी जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति देखिये, यदि आपके सूर्य बलवान हैं तो आप अपनी इच्छानुसार नमक खा सकते हैं परन्तु यदि सूर्य पीड़ित अथवा कमज़ोर हुए तो आपको नमक का सेवन कम से कम करना है | यही समीकरण बाकी बचे हुए मसालों पर भी उपयुक्त रहेगी | जब किसी की कुंडली में सूर्य ख़राब होते हैं हैं तो उसे ब्लड प्रेशर तथा हार्ट की समस्या होती ही होती है तथा ऐसी स्थिति में डॉक्टर सबसे पहले क्या कम करने के लिए कहते है ? जी हाँ नमक | इसलिए नमक का प्रयोग सावधानी से कीजिये |
हमारे ब्रह्माण्ड के दूसरे प्रमुख ग्रह है चंद्र, ज्योतिष में चंद्र माता, शीतलता, तथा जल का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिस प्रकार माता अपने बच्चों के प्रति स्नेहिल, मृदु तथा मिठास लिए होती है उसी प्रकार रसोई के मसालों में चीनी चंद्र का प्रतिनिधित्व करती है | चीनी का प्रमुख गुण है मिठास तथा शीतलता | चीनी ना हो तो अधिकतर मीठे व्यंजन तथा पेय पदार्थ नहीं बन पाएंगे | समीकरण वही रहेगा की यदि चंद्र आपकी कुंडली में अच्छे हैं तो बेझिझक चीनी का सेवन कीजिये तथा यदि अच्छे नहीं हैं तो नियंत्रित रूप से सेवन कीजिये |
अब हम बात करते हैं मंगल ग्रह की, आपकी रसोई के मसालों में पिसी हुई लाल मिर्च मंगल ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है | जिस प्रकार मंगल सेनापति हैं इसलिए तीखा स्वभाव होना उनका प्राथमिक गुण है उसी प्रकार लाल मिर्च भी अपने तीखेपन से भोजन में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराती है | समीकरण वही रहेगा की यदि मंगल आपकी कुंडली में अच्छे हैं तो बेझिझक लाल मिर्च का सेवन कीजिये तथा यदि अच्छे नहीं हैं तो नियंत्रित रूप से सेवन कीजिये |
अब हम बात करते हैं गुरु अथवा बृहस्पति ग्रह की, आपकी रसोई के मसालों में पिसी हुई हल्दी बृहस्पति का प्रतिनिधित्व करती है | जिस प्रकार बृहस्पति देवगुरु होने के नाते हमेशा देवो को कष्टों से बचाते हैं तथा उनके जीवन को और बेहतर बनाते हैं, उसी प्रकार हल्दी अपने रोग प्रतिरोधक गुण की वजह से हमें कई रोगो से मुक्ति दिलाती है तथा हमें रोगो से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है | वैसे तो हल्दी किसी का भी नुक्सान नहीं करती परन्तु फिर भी नियंत्रित मात्रा में सेवन आवश्यक है |
अब हम बात करते हैं बुध ग्रह की, आपकी रसोई में पिसा हुआ धनिया बुध का प्रतिनिधित्व करता है | जहाँ सूर्य तथा चंद्र राजा तथा रानी हैं वहीँ बुध राजकुमार है तथा जिस प्रकार बुध का रंग हरा होता है इसलिए इसके मसाले का रंग भी हरा होना चाहिए | बुध ग्रह हमारे व्यापार, बुद्धि तथा वाक्शक्ति को संचालित करते हैं इसलिए इनका अच्छा होना आवश्यक है | समीकरण वही रहेगा की यदि बुध आपकी कुंडली में अच्छे हैं तो बेझिझक धनिये का सेवन कीजिये तथा यदि अच्छे नहीं हैं तो नियंत्रित रूप से सेवन कीजिये |
अब हम बात करते हैं शुक्र ग्रह की, आपकी रसोई में मिश्री तथा सौंफ शुक्र का प्रतिनिधित्व करते है | मिश्री तथा सौंफ ऐसे मसाले नहीं हैं जिनका सेवन भोजन में आवश्यक हो इसलिए इनका सेवन अलग से करना चाहिए, आप सौंफ तथा मिश्री को मिलाकर सेवन कर सकते हैं | इनका सेवन आप प्रतिदिन कितनी भी बार कर सकते हैं, ऐसा करने से आपका शुक्र बलवान बनेगा | आपने अक्सर देखा होगा भोजनालयो में भोजन के उपरान्त सौंफ तथा चीनी दी जाती है, भोजनालय के मालिक को केवल आपके स्वाद की चिंता नहीं है अपितु उन्हें इस बहाने अपने शुक्र को बलवान बनाने का अवसर मिलता है |
अब हम बात करते हैं शनि ग्रह की, आपकी रसोई में काली मिर्च शनि का प्रतिनिधित्व करती है | शनि का रंग काला होता है तथा स्वाभाव कठोर तथ कसैला होता है इसलिए काली मिर्च शनि का अच्छे से प्रतिनिधित्व करती है | भोजन में काली मिर्च का पीसकर अथवा साबुत किसी भी रूप में सेवन आपके शनि को बलवान बनाता है परन्तु समीकरण वही रहेगा की यदि शनि आपकी कुंडली में अच्छे हैं तो बेझिझक काली मिर्च का सेवन कीजिये तथा यदि अच्छे नहीं हैं तो नियंत्रित रूप से सेवन कीजिये |
अब बचे राहु तथा केतु, कुंडली के सबसे उद्दंड ग्रह, जिनके कारण आधी से ज्यादा दुनिया दुखी तथा परेशान है | आपकी रसोई में जीरा राहु तथा केतु का प्रतिनिधित्व करता है | यदि आप चाहते हैं की आपके जीवन में सुख, शांति तथा सौहार्द बना रहे तो जीरे का उपभोग नियमित रूप से परन्तु नियंत्रित मात्रा में कीजिये | शनि को आपके जीवन में जो भी उथल पुथल मचानी होती है वो ये काम राहु तथा केतु से करवाते हैं अब यदि आपने इन दोनों को नियंत्रित कर लिया तो समझिये आपकी आधी समस्याएं अपने आप ख़तम हो जाएँगी |
प्रिय पाठको, मेरे पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद | यदि आपको मेरे लेख पसंद आ रहे हैं तो कृपया Like (♡) करके तथा ज्यादा से ज्यादा Share करके मेरा उत्साह वर्धन कीजियेगा जिससे कि मैं भविष्य में आपके साथ और अधिक ज्योतिष सम्बंधित जानकारी साझा कर सकूँ |
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