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पितृ पक्ष / श्राद्ध में अपने पितरों को आसानी से कैसे प्रसन्न करें ?

Updated: Apr 25, 2021

Pitra Dosh Upaay
Astro Guruji Gaurav Singh

सनातन धर्म में पितृपक्ष की अपनी महत्ता है। प्रति वर्ष पूर्वजों को तर्पण तथा उनके प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त करने लिए हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष का समय निर्धारित किया गया है। हमारे कुछ पितरों अथवा पूर्वजों ने तो अगला जन्म ले लिया होता है तथा कुछ पितृगण पितृलोक में स्थान प्राप्त कर लेते हैं। पितृलोक में स्थान प्राप्त कर लेने वाले पूर्वज पितृपक्ष में अपने वंशजों को देखने आते हैं तथा उस समय वो अपने वंशजों को आशीर्वाद (यदि आपने उन्हें प्रसन्न किया है तो) अथवा श्राप (यदि आपने उन्हें अप्रसन्न किया है तो) देकर चले जाते हैं। पितृपक्ष में हम अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनका आभार जताते हैं क्यूंकि उनकी वजह से ही आज हम इस दुनिया में हैं। पितृपक्ष में जब पितृगण धरती पर आते हैं तब उन्हें प्रसन्न करके फिर से पितृलोक में विदा किया जाता है।

जिनके घर में पितृ दोष होता है या यूं कहें की जिनके पितृगण उनसे प्रसन्न नहीं होते हैं उनकी किस्मत कभी साथ नहीं देती है, उनकी कभी तरक्की नहीं होती है। जीवन भर ऐसे व्यक्ति दुखी रहते हैं, जीवन कष्टों से भरा होता है इसलिए आपको शीघ्र-अतिशीघ्र अपने पितरों को प्रसन्न कर लेना चाहिए। पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृलोक से धरती पर अपने प्रियजनों के पास आते हैं। ऐसे में पितृपक्ष पर उनके प्रति सम्मान तथा आदरभाव दिखाने के लिए उन्हें तर्पण दिया जाता है। मान्यता है कि पितृपक्ष पर श्राद्ध कर्म करने पर पितृदोषों से मुक्ति मिल जाती है। ऐसा कहा जाता है कि यदि पितृ खुश है तो ईश्वर की भी आप पर कृपा होती है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए हमें श्रद्धाभाव के साथ उनका तर्पण, पूजा, ब्रह्मभोज एवं दान करना चाहिए। इसी श्रद्धा का प्रतीक होते हैं श्राद्ध, इन्हें कनागत भी कहा जाता है।

अब बात करते हैं की क्या किया जाये जिससे की हमारे पितृगण हमसे प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देकर पितृलोक लौट जाएं? वैसे तो बहुत से पंडितों, ज्योतिषियों तथा विद्वानों ने पितरों को प्रसन्न करने के बहुत से उपाय बताये हैं, परन्तु आज मैं आपको कुछ सरल तथा अचूक उपाय बताने जा रहा हूँ जो यदि आपने कर लिए तो आपके पूर्वज आपको आशीर्वाद अवश्य देकर जायेंगे।


  • पहला उपाय: यदि श्राद्ध पक्ष में कोई भी आपसे भोजन मांगने आए तो उसे खाली हाथ ना जाने दें। मान्यता है कि पितृ किसी भी रूप में अपने परिजनों के बीच में आते हैं तथा उनसे अन्न, पानी की मनोकामना रखते हैं, वे किसी जानवर अथवा पंछी के रूप में भी आ सकते हैं।

  • दूसरा उपाय: गाय, कुत्ता, बिल्ली, कौआ, आदि इन्हें श्राद्ध पक्ष में कष्ट नहीं देना चाहिए, अपितु इन्हें खाना देना चाहिए। ये बेज़ुबान जानवर अपने मुख से कुछ बोल नहीं सकते अतः हमारा ये कर्तव्य बनता है की हम इनकी देखभाल करें, इन्हें समय-समय पर अपनी सामर्थ्यानुसार भोजन दें तथा प्रताड़ित तो बिलकुल भी ना करें। ये जीव-जंतु कभी आपका बुरा नहीं सोचते अपितु आपको दुआ ही देते हैं।

  • तीसरा उपाय: मांसाहारी भोजन जैसे मांस, मछली, अंडे का सेवन पितृपक्ष में बिल्कुल ना करें तथा शराब एवं अन्य नशीले पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिए, यदि आपके पितृगण मांसाहारी भोजन अथवा शराब का सेवन करते थे तो उनकी पसंद के अनुसार जिस दिन आप उनका श्राद्ध करें उस दिन इन वस्तुओं का उन्हें भोग लगाकर तर्पण कर सकते हैं।

  • चौथा उपाय: पितृपक्ष के दौरान आपको दाढ़ी, मूंछ, केश तथा नाखून नहीं काटने चाहिए तथा ना ही कटवाने चाहिए क्योंकि श्राद्ध पक्ष पितरों को याद करने का समय होता है, यह एक तरह से शोक व्यक्त करने का समय है, इसलिए ये सभी कार्य वर्जित माने गए हैं।


  • पांचवा उपाय: पितृपक्ष के दौरान भौतिक सुख के साधन जैसे आभूषण, नए वस्त्र, वाहन, भूमि, आदि खरीदना अच्छा नहीं माना गया है, क्योंकि यह शोक का समय होता है।

  • छठा उपाय: अपने पितरों के नाम पर शमशान घाट में कोई बैठने की व्यवस्था जैसे की कुर्सी, चबूतरा, आदि का प्रबंध करें तथा प्याऊ लगवाएं। पितरों को प्रसन्न करने का ये बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय है।

  • सातवां उपाय: पितृपक्ष की अमावस्या को तर्पण तथा पिंडदान करके किसी ब्राह्मण के भोजन का प्रबंध अवश्य कर दें, पूरे पितृपक्ष में अपने पितरों का तिथि के अनुसार आप कभी भी श्राद्ध करें परन्तु अमावस्या को ये उपाय करना ना भूलें।

  • आठवां उपाय: तर्पण तथा पिंडदान करते हुए अपने मन्न ही मन्न में निरंतर "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सह गुरुवे नम:" का जाप करते रहें।

यदि आप पूरे मन्न तथा श्रद्धा भाव से ये उपाय करते हैं तो मेरा विश्वास कीजिये आपके पितृगण आपसे अवश्य प्रसन्न होंगे तथा आपको सुभाशीष देकर ही वापिस पितृलोक जायेंगे।


प्रिय पाठको, मेरे पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। यदि आपको मेरे लेख पसंद आ रहे हैं तो कृपया Like (♡) करके तथा ज्यादा से ज्यादा Share करके मेरा उत्साह वर्धन कीजियेगा जिससे कि मैं भविष्य में आपके साथ और अधिक ज्योतिष सम्बंधित जानकारी साझा कर सकूँ।

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