जानिए नक्षत्र क्या होते हैं? (भाग 1)
- Jyotishacharya Gaurav Singh
- May 22, 2020
- 3 min read
प्रथम भाग

इस सृष्टि में कुल 27 नक्षत्र हैं जो की सभी प्राणियों को किसी न किसी तरह से प्रभावित करते हैं | हर नक्षत्र का कोई न कोई देवी/देवता होता है तथा इसलिए हर नक्षत्र की अपनी विशेष शक्ति है जो की उनके स्वामी देवी/देवताओं से उन्हें प्राप्त होती है | यजुर्वेद के तैत्तिरीय ब्राह्मण खंड तथा वेदांग ज्योतिष में नक्षत्रों के बारे में पूरी जानकारी उपलब्ध है | जो 27 नक्षत्र हैं उनके नाम इस प्रकार हैं - 1. अश्विनी 2. भरिणी 3. कृत्तिका 4. रोहिणी 5. मृगशीर्ष 6. आर्द्रा 7. पुनर्वसु
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8. पुष्य 9. अश्लेषा 10. मघा 11. पूर्व फाल्गुनी 12. उत्तर फाल्गुनी 13. हस्त 14. चित्रा 15. स्वाति 16. विशाखा 17. अनुराधा 18. ज्येष्ठा 19. मूल 20. पूर्व आषाढ़ 21. उत्तर आषाढ़ 22. श्रावण 23. धनिष्ठा/श्रविष्ठा 24. शतभिषा
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25. पूर्व भाद्रपद 26. उत्तर भाद्रपद 27. रेवती 1. अश्विनी (0° - 13°20' मेष) - अश्विनी नक्षत्र के स्वामी केतु ग्रह होते हैं तथा ये अश्विनी कुमारो का प्रतिनिधित्व करता है | अश्विनी कुमार चिकित्सकीय शक्ति रखते है तथा जल्दी से चीजों तक पहुंचने की शक्ति इनमे होती है | अश्विनी नक्षत्र जातक को त्वरित सहायता और स्फूर्ति प्रदान करता है। साथ ही अश्विनी नक्षत्र जातक को सुनने, सीखने और ध्यान की अच्छी शक्तियाँ प्रदान करता है। यह डॉक्टरों, मनोवैज्ञानिकों तथा नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है, जो अच्छी अंतर्दृष्टि और मूल विचारों को प्रदर्शित करता है। 2. भरिणी (13° 20' - 26°40' मेष) - भरिणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र ग्रह होते हैं तथा ये मृत्यु के देवता यम का प्रतिनिधित्व करते हैं | यम चीजों को दूर ले जाने की क्षमता रखते हैं जिसे अपभ्रंश शक्ति भी कहा जाता है जिसका आधार शरीर से जीवन का निष्कासन है | इस प्रकार से ये जातक की आत्मा को पूर्वजों के दायरे में ले जाते हैं | इसे एक तरह से परिवर्तनीय शक्ति भी कहा जा सकता है |
3. कृत्तिका (26°40' मेष - 10° वृषभ) - कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी सूर्य ग्रह होते हैं तथा ये अग्नि देवता का प्रतिनिधित्व करता है | इसमें जलने अथवा दाहन करने तथा शुद्ध करने की शक्ति होती है। इसका आधार ऊष्मा तथा प्रकाश है जिसका परिणाम ज्वलन या शुद्धिकरण है। कृतिका नक्षत्र नकारात्मकता को जला कर ख़त्म करता है, जो मिलाया गया या दूषित होता है उसे शुद्ध करता है |
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To be continued..
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